गुरुवार, 17 मार्च 2016

हिंदी पर्यायवाची शब्द: हिंदी पर्यायवाची शब्द

हिंदी पर्यायवाची शब्द: हिंदी पर्यायवाची शब्द: हिंदी पर्यायवाची शब्द (mohitsonkar02.blogspot.com) अ अग्नि - आग, अनल, पावक, दहन, वह्नि, कृशानु। अपमान - अनादर, अवज्ञा, अवहेलना, अवम...

शनिवार, 5 मार्च 2016

english grammer

[2/29, 8:24 AM] Mohit Sonkar: Conjunctions in English - Shortcut Rules

Friends, in this post we shall discuss some important Rules of Conjunctions.


Rule 1⃣ : The co-relative conjunctions are used in pairs.

Not only - but also

Either - or

Neither - nor

Both - and

Though - yet

Whether - or



Please see that the pair is properly used.


They will either do the work else return the money.❌ ☓

They will either do the work or return the money.✔

Both kumar as well as Ravi must finish it. ❌

☓Both kumar and Ravi must finish it.✔

Not only does he read but also writes.✔

Though he is rich but he is economical. ☓❌


Though he is rich yet he is economical.✔
[2/29, 8:30 AM] Mohit Sonkar: Rule 2⃣ :

After the adverbs "Hardly / Scarcely", the conjunction 'when or before' should be used.


Hardly had he left the place than the Bomb exploded.❌

☓Hardly had he left the place when the Bomb exploded.✔

Rule 3⃣ :

After "Rather / Other", the subordinating conjunction 'Than' should be used.

He has no other object but to get a handsome job. ❌☓

He has no other object than to get a handsome job.✔

I would rather buy a scooter but not a cycle.❌ ☓

I would rather buy a scooter than a cycle.✔
[2/29, 8:35 AM] Mohit Sonkar: Rule 4⃣ :
After the subordinating conjunction 'lest' the auxiliary 'should' is used.

           

 Lest - for fear that / If it is not so.

Work hard lest you fail.❌ ☓

Work hard lest you should fail.✔

Rule 5⃣ :

The connecting word 'that' is used with the adjective phrase 'the same/the only/superlative adjectives/all

This is the same book which I wanted. ❌☓

This is the same book that I wanted.✔

Rule 6⃣ : The conjunction 'or' is used with not / never.

I have never spoken to him nor written to him. ❌☓

I have never spoken to him or written to him.✔

Rule 7⃣:

With the word 'such' the connective 'that' may be used.

There was such a noise what we could not hear ourselves.❌ ☓

There was such a noise that we could not hear ourselves.✔
[2/29, 8:38 AM] Mohit Sonkar: Rule 8⃣:

🕔Until - Denotes Time
🚫Unless - Denotes Condition

You will not succeed until you work hard.❌ ☓

You will not succeed unless you work hard.✔

I want to stay here unless she speaks the truth.❌

☓I want to stay here until she speaks the truth.✔

You cannot do well until you prepare yourself.❌

 You cannot do well unless you prepare yourself.✔
[2/29, 8:42 AM] Mohit Sonkar: Rule 9⃣:

After the connective 'because' the words ' so / therefore / as' are NOT ❌❌ used.

Because he came late so he failed to see her. ❌☓

Because he came late, he fail to see her.✔

Rule 🔟: The adverb 'Not' should not be used with the connective 'Till/unless/lest/until' in that clause.

Until he does not solve this problem, I will stay with him. ❌

☓Until he solves this problem, I will stay with him.✔

Unless they do not work sincere, they will not succeed. ❌☓

Unless they work sincerely, they will not succeed.✔
[2/29, 8:45 AM] Mohit Sonkar: Rule 1⃣1⃣ :

When 'since' is used as a conjunction should be preceded by present perfect tense and followed by a verb in the past tense to denote point of time.

Many things have happened since I have left the school.❌ ☓

Many things have happened since I left the school.✔

Rule 1⃣2⃣:

With the conjunction 'if' 'then' should NOT❌ be used.

If you work for 8 hours a day, then you will get through the examination. ❌☓

If you work for 8 hours a day, you will get through the examination.✔

Rule 1⃣3⃣ :

When two objects are joined by 'as well/besides/along with /together with / in addition to / except / including with, the verb agrees with the first subject in number.


He as well as his students have gone there. ❌☓

He as well as his students has gone there.✔

एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द

एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द

(Mohitsonkar02.blogspot.com)

एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द

1. अस्त्र- जो हथियार हाथ से फेंककर चलाया जाए। जैसे-बाण।
शस्त्र- जो हथियार हाथ में पकड़े-पकड़े चलाया जाए। जैसे-कृपाण।
2. अलौकिक- जो इस जगत में कठिनाई से प्राप्त हो। लोकोत्तर।
अस्वाभाविक- जो मानव स्वभाव के विपरीत हो।
असाधारण- सांसारिक होकर भी अधिकता से न मिले। विशेष।
3. अमूल्य- जो चीज मूल्य देकर भी प्राप्त न हो सके।
बहुमूल्य- जिस चीज का बहुत मूल्य देना पड़ा।
4. आनंद- खुशी का स्थायी और गंभीर भाव।
आह्लाद- क्षणिक एवं तीव्र आनंद।
उल्लास- सुख-प्राप्ति की अल्पकालिक क्रिया, उमंग।
प्रसन्नता-साधारण आनंद का भाव।
5. ईर्ष्या- दूसरे की उन्नति को सहन न कर सकना।
डाह-ईर्ष्यायुक्त जलन।
द्वेष- शत्रुता का भाव।
स्पर्धा- दूसरों की उन्नति देखकर स्वयं उन्नति करने का प्रयास करना।
6. अपराध- सामाजिक एवं सरकारी कानून का उल्लंघन।
पाप- नैतिक एवं धार्मिक नियमों को तोड़ना।
7. अनुनय-किसी बात पर सहमत होने की प्रार्थना।
विनय- अनुशासन एवं शिष्टतापूर्ण निवेदन।
आवेदन-योग्यतानुसार किसी पद के लिए कथन द्वारा प्रस्तुत होना।
प्रार्थना- किसी कार्य-सिद्धि के लिए विनम्रतापूर्ण कथन।
8. आज्ञा-बड़ों का छोटों को कुछ करने के लिए आदेश।
अनुमति-प्रार्थना करने पर बड़ों द्वारा दी गई सहमति।
9. इच्छा- किसी वस्तु को चाहना।
उत्कंठा- प्रतीक्षायुक्त प्राप्ति की तीव्र इच्छा।
आशा-प्राप्ति की संभावना के साथ इच्छा का समन्वय।
स्पृहा-उत्कृष्ट इच्छा।
10. सुंदर- आकर्षक वस्तु।
चारु- पवित्र और सुंदर वस्तु।
रुचिर-सुरुचि जाग्रत करने वाली सुंदर वस्तु।
मनोहर- मन को लुभाने वाली वस्तु।
11. मित्र- समवयस्क, जो अपने प्रति प्यार रखता हो।
सखा-साथ रहने वाला समवयस्क।
सगा-आत्मीयता रखने वाला।
सुहृदय-सुंदर हृदय वाला, जिसका व्यवहार अच्छा हो।
12. अंतःकरण- मन, चित्त, बुद्धि, और अहंकार की समष्टि।
चित्त- स्मृति, विस्मृति, स्वप्न आदि गुणधारी चित्त।
मन- सुख-दुख की अनुभूति करने वाला।
13. महिला- कुलीन घराने की स्त्री।
पत्नी- अपनी विवाहित स्त्री।
स्त्री- नारी जाति की बोधक।
14. नमस्ते- समान अवस्था वालो को अभिवादन।
नमस्कार- समान अवस्था वालों को अभिवादन।
प्रणाम- अपने से बड़ों को अभिवादन।
अभिवादन- सम्माननीय व्यक्ति को हाथ जोड़ना।
15. अनुज- छोटा भाई।
अग्रज- बड़ा भाई।
भाई- छोटे-बड़े दोनों के लिए।
16. स्वागत- किसी के आगमन पर सम्मान।
अभिनंदन- अपने से बड़ों का विधिवत सम्मान।
17. अहंकार- अपने गुणों पर घमंड करना।
अभिमान- अपने को बड़ा और दूसरे को छोटा समझना।
दंभ- अयोग्य होते हुए भी अभिमान करना।
18. मंत्रणा- गोपनीय रूप से परामर्श करना।
परामर्श- पूर्णतया किसी विषय पर विचार-विमर्श कर मत प्रकट करना।

कुछ प्रसिद्द हिंदी कहावते तथा लोकोक्तियाँ

कुछ प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें तथा लोकोक्तियाँ ।
Mohitsonkar02.blogspot.com

1. मानो तो देव, नहीं तो पत्थर – विश्वास ही फलदायक
2. आम का आम गुठली का दाम – सब तरह से लाभ-ही-लाभ
3. घर की मुर्गी दाल बराबर – घर की वस्तु का कोई आदर नहीं करना
4. बिल्ली के भाग्य से छींका ​(सिकहर) टूटा – संयोग अच्छा लग गय
5. ऊँचे चढ़ के देखा, तो घर-घर एकै लेखा – सभी एक समान
6. रोजा बख्शाने गये, नमाज लगे पड़ी – लाभ के बदले हानि
7. मुँह में राम, बगल में छुरी – कपटी
8. इस हाथ दे, उस हाथ ले – कर्मों का फल शीघ्र पाना
9. मोहरों की लूट, कोयले पर छाप – मूल्यवान वस्तुओं को छोड़कर तुच्छ वस्तुओं पर ध्यान देना
10. गुड़ खाय गुलगुले से परहेज – बनावटी परहेज
11. नाम बड़े, पर दर्शन थोड़े – गुण से अधिक बड़ाई
12. लश्कर में ऊँट बदनाम – दोष किसी का, बदनामी किसी की
13. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे – अपराधी ही पकड़नेवाली को डाँट बताये
14. दुधारु गाय की दो लात भी भली – जिससे लाभ होता हो, उसकी बातें भी सह लेनी चाहिए
15. बैल का बैल गया नौ हाथ का पगहा भी गया – बहुत बड़ा घाटा
16. ऊँट के मुँह में जीरा – मरूरत से बहुत कम
17. न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी – झगड़े के कारण को नष्ट करना
18. भैंस के आगे बीन बजावे, भैंस रही पगुराय – मूर्ख को गुण सिखाना व्यर्थ है
19. खेत खाये गदहा, मार खाये जोलहा – अपराध करे कोई, दण्ड मिले किसी और को
20. बेकार से बेगार भली – चुपचाप बैठे रहने की अपेक्षा कुछ काम करना
21. खरी मजूरी चोखा काम – अच्छे मुआवजे में ही अच्छा फल प्राप्त होना
22. नौ की लकड़ी नब्बे खर्च – काम साधारण, खर्च अधिक
23. बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे​ मिया सुभान अल्लाह – बड़ा तो जैसा है, छोटा उससे बढ़कर है
24. एक पंथ दो काज – एक नहीं, दो लाभ
25. दूध का जला मट्ठा भी फूँक-फूँक कर पीता है – एक बार धोखा खा जाने पर सावधान हो जाना
26. बोये पेड़े बबूल के आम कहाँ से होय – जैसी करनी, वैसी भरनी
27. एक तो चोरी दूसरे सीनाजोरी – दोष करके न मानना
28. नीम हकीम खतरे जान – अयोग्य से हानि
29. भइ गति साँप-छछूँदर केरी – दुविधा में पड़ना
30. कबीरदास की उलटी बानी, बरसे कंबल भींगे पानी – प्रकृतिविरुद्ध काम
31. नाचे कूदे तोड़े तान, ताको दुनिया राखे मान – आडम्बर दिखानेवाला मान पाता है
32. तीन कनौजिया, तेरह चूल्हा – जितने आदमी उतने विचार
33. पानी पीकर जात पूछना – कोई काम कर चुकने के बाद उसके औचित्य पर विचार करना
34. खोदा पहाड़ निकली चुहिया – कठिन परिश्रम, थोड़ा लाभ
35. पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं – पराधीनता में सुख नहीं
36. घड़ी में घर जले, नौ घड़ी भद्रा – हानि के समय सुअवसर-कुअवसर पर ध्यान न देना
37. कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा – इधर-उधर से सामान जुटाकर काम करना
38. पराये धन पर लक्ष्मीनारायण – दूसरे का धन पाकर अधिकार जमाना
39. थूक कर चाटना ठीक नहीं – देकर लेना ठीक नहीं, बचन-भंग करना, अनुचित
40. गाछे कटहल, ओठे तेल – काम होने के पहले ही फल पाने की इच्छा
41. गोद में छोरा नगर में ढिंढोरा – पास की वस्तु का दूर जाकर ढूँढ़ना
42. गरजे सो बरसे नहीं – बकवादी कुछ नहीं करता
43. घर का फूस नहीं, नाम धनपत – गुण कुछ नहीं, पर गुणी कहलाना
44. घर की भेदी लंका ढाए – आपस की फूट से हानि होती हे
45. घी का लड्डू टेढ़ा भला – लाभदायक वस्तु किसी तरह की क्यों न हो
46. चोर की दाढ़ी में तिनका – जो दोषी होता है वह खुद डरता रहता है
47. पंच परमेश्वर – पाँच पंचों की राय
48. तीन लोक से मथुरा न्यारी – निराला ढंग
49. तुम डाल-डाल तो हम पात-पात – किसी की चाल को खूब समझते हुए चलना
50. धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का – निकम्मा, व्यर्थ इधर-उधर डोलनेवाला

हिंदी एक शब्द में उत्तर

1.जिसका जन्म नहीं होता

अजन्मा

2.पुस्तकों की समीक्षा करने वाला

समीक्षक , आलोचक

3.जिसे गिना न जा सके

अगणित

4.जो कुछ भी नहीं जानता हो

अज्ञ

5.जो बहुत थोड़ा जानता हो

अल्पज्ञ

6.जिसकी आशा न की गई हो

अप्रत्याशित

7.जो इन्द्रियों से परे हो

अगोचर

8.जो विधान के विपरीत हो

अवैधानिक

9.जो संविधान के प्रतिकूल हो

असंवैधानिक

 10.जिसे भले -बुरे का ज्ञान न हो

अविवेकी

11.जिसके समान कोई दूसरा न हो

अद्वितीय

12.जिसे वाणी व्यक्त न कर सके

अनिर्वचनीय

13.जैसा पहले कभी न हुआ हो

अभूतपूर्व

14.जो व्यर्थ का व्यय करता हो

अपव्ययी

15.बहुत कम खर्च करने वाला

मितव्ययी

16.सरकारी गजट में छपी सूचना

अधिसूचना

17.जिसके पास कुछ भी न हो

अकिंचन

18.दोपहर के बाद का समय

अपराह्न

19.जिसका निवारण न हो सके

अनिवार्य

 20.देहरी पर रंगों से बनाई गई चित्रकारी

अल्पना

21.आदि से अन्त तक

आद्यन्त

 22.जिसका परिहार करना सम्भव न हो

अपरिहार्य

23.जो ग्रहण करने योग्य न हो

अग्राह्य

24.जिसे प्राप्त न किया जा सके

अप्राप्य

25.जिसका उपचार सम्भव न हो

असाध्य

26.भगवान में विश्वास रखने वाला

आस्तिक

27.भगवान में विश्वास न रखने वाला

नास्तिक

28.आशा से अधिक

आशातीत

29.ऋषि की कही गई बात

आर्ष

30.पैर से मस्तक तक

आपादमस्तक

 31.अत्यंत लगन एवं परिश्रम वाला

अध्यवसायी

32.आतंक फैलाने वाला

आंतकवादी

33.देश के बाहर से कोई वस्तु मंगाना

आयात

34.जो तुरंत कविता बना सके

आशुकवि

35.नीले रंग का फूल

इन्दीवर

36.उत्तर -पूर्व का कोण

ईशान

 37.जिसके हाथ में चक्र हो

चक्रपाणि

38.जिसके मस्तक पर चन्द्रमा हो

चन्द्रमौलि

39.जो दूसरों के दोष खोजे

छिद्रान्वेषी


40.जानने की इच्छा

जिज्ञासा

41.जानने को इच्छुक

जिज्ञासु

42.जीवित रहने की इच्छा

जिजीविषा

 43.इन्द्रियों को जीतने वाला

जितेन्द्रिय

44.जीतने की इच्छा वाला

जिगीषु


45.जहाँ सिक्के ढाले जाते हैं

टकसाल

46.जो त्यागने योग्य हो

त्याज्य

47.जिसे पार करना कठिन हो

दुस्तर

48.जंगल की आग

दावाग्नि

49.गोद लिया हुआ पुत्र

दत्तक

50.बिना पलक झपकाए हुए

निर्निमेष

51.जिसमें कोई विवाद ही न हो

निर्विवाद

52.जो निन्दा के योग्य हो

निन्दनीय

53.मांस रहित भोजन

निरामिष

54.रात्रि में विचरण करने वाला

निशाचर

55.किसी विषय का पूर्ण ज्ञाता

पारंगत

56.पृथ्वी से सम्बन्धित

पार्थिव

57.रात्रि का प्रथम प्रहर

प्रदोष

58.जिसे तुरंत उचित उत्तर सूझ जाए

प्रत्युत्पन्नमति

59.मोक्ष का इच्छुक

मुमुक्षु

60.मृत्यु का इच्छुक

मुमूर्षु

61.युद्ध की इच्छा रखने वाला

युयुत्सु

62.जो विधि के अनुकूल है

वैध

63.जो बहुत बोलता हो

वाचाल

64.शरण पाने का इच्छुक

शरणार्थी

65.सौ वर्ष का समय

शताब्दी

66.शिव का उपासक

शैव

67.देवी (शक्ति)का उपासक

शाक्त

68.समान रूप से ठंडा और गर्म

समशीतोष्ण

69.जो सदा से चला आ रहा हो

सनातन

70.समान दृष्टि से देखने वाला

समदर्शी

71.जो क्षण भर में नष्ट हो जाए

क्षणभंगुर

72.फूलों का गुच्छा

स्तवक

73.संगीत जानने वाला

संगीतज्ञ

74.जिसने मुकदमा दायर किया है

वादी

75.जिसके विरुद्ध मुकदमा दायर किया है

प्रतिवादी

76.मधुर बोलने वाला

मधुरभाषी

77.धरती और आकाश के बीच का स्थान

अंतरिक्ष

78.हाथी के महावत के हाथ का लोहे का हुक

अंकुश

 79.जो बुलाया न गया हो

अनाहूत

80.सीमा का अनुचित उल्लंघन

अतिक्रमण

 81.जिस नायिका का पति परदेश चला गया हो

प्रोषित पतिका

82.जिसका पति परदेश से वापस आ गया हो

आगत पतिका

83.जिसका पति परदेश जाने वाला हो

प्रवत्स्यत्पतिका

84.जिसका मन दूसरी ओर हो

अन्यमनस्क

85.संध्या और रात्रि के बीच की वेला

गोधुलि

 86.माया करने वाला

मायावी

87.किसी टूटी - फूटी इमारत का अंश

भग्नावशेष

88.दोपहर से पहले का समय

पूर्वाह्न

89.कनक जैसी आभा वाला

कनकाय

90.हृदय को विदीर्ण कर देने वाला

हृदय विदारक  

91.हाथ से कार्य करने का कौशल।

हस्तलाघव

92.अपने आप उत्पन्न होने वाला।

स्त्रैण

93.जो लौटकर आया है

प्रत्यागत

 94.जो कार्य कठिनता से हो सके।

दुष्कर

95.जो देखा न जा सके।

अलक्ष्य

96.बाएँ हाथ से तीर चला सकने वाला।

सव्यसाची

97.वह स्त्री जिसे सूर्य ने भी न देखा हो।

असुर्यम्पश्या

98.यज्ञ में आहुति देने वाला।

हौदा

99.जिसे नापना सम्भव न हो।
असाध्य

100.जिसने किसी दूसरे का स्थान अस्थाई रूप से ग्रहण किया हो।

स्थानापन्न

हिंदी पर्यायवाची शब्द



हिंदी पर्यायवाची शब्द (mohitsonkar02.blogspot.com)



अग्नि - आग, अनल, पावक, दहन, वह्नि, कृशानु।

अपमान - अनादर, अवज्ञा, अवहेलना, अवमान, तिरस्कार।

अलंकार - आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।

अहंकार- दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।

अमृत- सुधा, अमिय, पीयूष, सोम, मधु, अमी।

असुर- दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज, रात्रिचर, तमचर।

अतिथि- मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।

अनुपम- अपूर्व, अतुल, अनोखा, अदभुत, अनन्य।

अर्थ- धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा।

अश्व- हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, बाजि, सैन्धव।

अंधकार- तम, तिमिर, तमिस्र, अँधेरा, तमस, अंधियारा।



आम- रसाल, आम्र, सौरभ, मादक, अमृतफल, सहुकार।

आग- अग्नि, अनल, हुतासन, पावक, दहन, ज्वलन, धूमकेतु, कृशानु, वहनि, शिखी, वह्नि।

आँख- लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि।

आकाश- नभ, गगन, अम्बर, व्योम, अनन्त, आसमान, अंतरिक्ष, शून्य, अर्श।

आनंद- हर्ष, सुख, आमोद, मोद, प्रमोद, उल्लास।

आश्रम- कुटी, विहार, मठ, संघ, अखाडा।


आंसू- नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।

आत्मा- जीव, देव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण।



इच्छा- अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।

इन्द्र- सुरेश, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र, पुरंदर, देवराज, महेन्द्र, मधवा, शचीपति, मेघवाहन, पुरुहूत, यासव।

इन्द्राणि - इन्द्रवधू, मधवानी, शची, शतावरी, पोलोमी।



ईश्वर- परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता।



उपवन - बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन।

उक्ति - कथन, वचन, सूक्ति।

उग्र - प्रचण्ड, उत्कट, तेज, महादेव, तीव्र, विकट।

उचित - ठीक, मुनासिब, वाज़िब, समुचित, युक्तिसंगत, न्यायसंगत, तर्कसंगत, योग्य।

उच्छृंखल - उद्दंड, अक्खड़, आवारा, अंडबंड, निरकुंश, मनमर्जी, स्वेच्छाचारी।

उजड्ड - अशिष्ट, असभ्य, गँवार, जंगली, देहाती, उद्दंड, निरकुंश।

उजला - उज्ज्वल, श्वेत, सफ़ेद, धवल।

उजाड - जंगल, बियावान, वन।

उजाला - प्रकाश, रोशनी, चाँदनी।

उत्कर्ष- समृद्धि, उन्नति, प्रगति, प्रशंसा, बढ़ती, उठान।

उत्कृष्ट - उत्तम, उन्नत, श्रेष्ठ, अच्छा, बढ़िया, उम्दा।

उत्कोच - घूस, रिश्वत।

उत्पति - उद्गम, पैदाइश, जन्म, उद्भव, सृष्टि, आविर्भाव, उदय।

उद्धार - मुक्ति, छुटकारा, निस्तार, रिहाई।

उपाय - युक्ति, साधन, तरकीब, तदबीर, यत्न, प्रयत्न।



ऊधम - उपद्रव, उत्पात, धूम, हुल्लड़, हुड़दंग, धमाचौकड़ी।



ऐक्य - एकत्व, एका, एकता, मेल।

ऐश्वर्य - समृद्धि, विभूति।



ओज - तेज, शक्ति, बल, वीर्य।

ओंठ- ओष्ठ, अधर, होठ।



औचक - अचानक, यकायक, सहसा।

औरत - स्त्री, जोरू, घरनी, घरवाली।



ऋषि - मुनि, साघु, यति, संन्यासी, तत्वज्ञ, तपस्वी।



कच - बाल, केश, कुन्तल, चिकुर, अलक, रोम, शिरोरूह।

कमल- नलिन, अरविन्द, उत्पल, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।

कबूतर - कपोत, रक्तलोचन, पारावत, कलरव, हारिल।

कामदेव - मदन, मनोज, अनंग, काम, रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ।


कण्ठ - ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा।

कृपा- प्रसाद, करुणा, दया, अनुग्रह।

किताब- पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक।

किनारा - तीर, कूल, कगार, तट।

कपड़ा- चीर, वसन, पट, अंशु, कर, मयुख, वस्त्र, अम्बर, परिधान।

किरण- ज्योति, प्रभा, रश्मि, दीप्ति, मरीचि।

किसान- कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता।

कृष्ण- राधापति, घनश्याम, वासुदेव, माधव, मोहन, केशव, गोविन्द, गिरधारी।

कान- कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल, श्रवण, श्रोत, श्रुतिपुट।

कोयल- कोकिला, पिक, काकपाली, बसंतदूत, सारिका, कुहुकिनी, वनप्रिया।

क्रोध- रोष, कोप, अमर्ष, कोह, प्रतिघात।कीर्ति - यश, प्रसिद्धि।



खग - पक्षी, द्विज, विहग, नभचर, अण्डज, शकुनि, पखेरू।

खंभा स्तूप, स्तम्भ, खंभ।

खल - दुर्जन, दुष्ट, घूर्त, कुटिल।

खून - रक्त, लहू, शोणित, रुधिर।



गज- हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल ।

गाय- गौ, धेनु, सुरभि, भद्रा, रोहिणी।

गंगा- देवनदी, मंदाकिनी, भगीरथी, विश्नुपगा, देवपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, जाह्नवी, त्रिपथगा।

गणेश- विनायक, गजानन, गौरीनंदन, गणपति, गणनायक, शंकरसुवन, लम्बोदर, महाकाय, एकदन्त।

गृह- घर, सदन, गेह, भवन, धाम, निकेतन, निवास, आलय, आवास, निलय, मंदिर।

गर्मी- ताप, ग्रीष्म, ऊष्मा, गरमी, निदाघ।

गुरु - शिक्षक, आचार्य, उपाध्याय।



घट - घड़ा, कलश, कुम्भ, निप।

घर - आलय, आवास, गेह, गृह, निकेतन, निलय, निवास, भवन, वास, वास-स्थान, शाला, सदन।

घृत - घी, अमृत, नवनीत।

घास - तृण, दूर्वा, दूब, कुश, शाद।



चरण- पद, पग, पाँव, पैर, पाद।चतुर - विज्ञ, निपुण, नागर, पटु, कुशल, दक्ष, प्रवीण, योग्य।

चंद्रमा- चाँद, हिमांशु, इंदु, विधु, तारापति, चन्द्र, शशि, हिमकर, राकेश, रजनीश, निशानाथ, सोम, मयंक, सारंग, सुधाकर, कलानिधि।

चाँदनी - चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रमरीचि, उजियारी, चन्द्रप्रभा, जुन्हाई।

चाँदी - रजत, सौध, रूपा, रूपक, रौप्य, चन्द्रहास।

चोटी - मूर्धा, शीश, सानु, शृंग।



छतरी - छत्र, छाता, छत्ता।

छली - छलिया, कपटी, धोखेबाज।

छवि - शोभा, सौंदर्य, कान्ति, प्रभा।

छानबीन - जाँच, पूछताछ, खोज, अन्वेषण, शोध, गवेषण।

छैला - सजीला, बाँका, शौकीन।

छोर - नोक, कोर, किनारा, सिरा।



जल- अमृत, सलिल, वारि, नीर, तोय, अम्बु, उदक, पानी, जीवन, पय, पेय।

जगत - संसार, विश्व, जग, जगती, भव, दुनिया, लोक, भुवन।

जीभ - रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान।

जंगल- विपिन, कानन, वन, अरण्य, गहन, कांतार, बीहड़, विटप।

जेवर - गहना, अलंकार, भूषण, आभरण, मंडल।

ज्योति - आभा, छवि, द्युति, दीप्ति, प्रभा, भा, रुचि, रोचि।



झूठ- असत्य, मिथ्या, मृषा, अनृत।









तरुवर - वृक्ष, पेड़, द्रुम, तरु, विटप, रूंख, पादप।

तलवार - असि, कृपाण, करवाल, खड्ग, चन्द्रहास।

तालाब- सरोवर, जलाशय, सर, पुष्कर, पोखरा, जलवान, सरसी, तड़ाग।

तीर - शर, बाण, विशिख, शिलीमुख, अनी, सायक।



दास- सेवक, नौकर, चाकर, परिचारक, अनुचर, भृत्य, किंकर।

दधि - दही, गोरस, मट्ठा, तक्र।

दरिद्र- निर्धन, ग़रीब, रंक, कंगाल, दीन।

दिन- दिवस, याम, दिवा, वार, प्रमान, वासर, अह्न।

दीन - ग़रीब, दरिद्र, रंक, अकिंचन, निर्धन, कंगाल।

दीपक - दीप, दीया, प्रदीप।

दुःख- पीड़ा,कष्ट, व्यथा, वेदना, संताप, शोक, खेद, पीर, लेश।

दूध- दुग्ध, क्षीर, पय, गौरस, स्तन्य।

दुष्ट- पापी, नीच, दुर्जन, अधम, खल, पामर।

दाँत - दशन, रदन, रद, द्विज, दन्त, मुखखुर।

दर्पण- शीशा, आरसी, आईना, मुकुर।

दुर्गा- चंडिका, भवानी, कुमारी, कल्याणी, महागौरी, कालिका, शिवा, चण्डी, चामुण्डा।

देवता- सुर, देव, अमर, वसु, आदित्य, लेख, अजर, विबुध।

देह - काया, तन, शरीर, वपु, गात।



धन- दौलत, संपत्ति, सम्पदा, वित्त।

धरती- धरा, धरती, वसुधा, ज़मीन, पृथ्वी, भू, भूमि, धरणी, वसुंधरा, अचला, मही, रत्नवती, रत्नगर्भा।

धनुष- चाप्, शरासन, कमान, कोदंड, धनु।



नदी- सरिता, तटिनी, सरि, सारंग, जयमाला, तरंगिणी, दरिया, निर्झरिणी।

नया- नूतन, नव, नवीन, नव्य।

नाव- नौका, तरणी, तरी।



पवन- वायु, हवा, समीर, वात, मारुत, अनिल, पवमान, समीरण, स्पर्शन।

पहाड़- पर्वत, गिरि, अचल, शैल, धरणीधर, धराधर, नग, भूधर, महीधर।

पक्षी- खेचर, दविज, पतंग, पंछी, खग, चिडिया, गगनचर, पखेरू, विहंग, नभचर।

पति- स्वामी, प्राणाधार, प्राणप्रिय, प्राणेश, आर्यपुत्र।

पत्नी- भार्या, वधू, वामा, अर्धांगिनी, सहधर्मिणी, गृहणी, बहु, वनिता, दारा, जोरू, वामांगिनी।

पुत्र- बेटा, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन।

पुत्री- बेटी, आत्मजा, तनूजा, सुता, तनया।

पुष्प- फूल, सुमन, कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुहुप।



फूल - पुष्प, सुमन, कुसुम, गुल, प्रसून।



बादल- मेघ, घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, सारंग, पयोद, पयोधर।

बालू- रेत, बालुका, सैकत।

बन्दर- वानर, कपि, कपीश, हरि।

बिजली- घनप्रिया, इन्द्र्वज्र, चंचला, सौदामनी, चपला, दामिनी, ताडित, विद्युत।

बगीचा - बाग़, वाटिका, उपवन, उद्यान, फुलवारी, बगिया।

बाण - सर, तीर, सायक, विशिख, शिलीमुख, नाराच।बाल - कच, केश, चिकुर, चूल।

ब्रह्मा - विधि, विधाता, स्वयंभू, प्रजापति, पितामह, चतुरानन, विरंचि, अज, कर्तार, कमलासन, नाभिजन्म, हिरण्यगर्भ।

बलदेव - बलराम, बलभद्र, हलायुध, राम, मूसली, रोहिणेय, संकर्षण।

बहुत - अनेक, अतीव, अति, बहुल, प्रचुर, अपरिमित, प्रभूत, अपार, अमित, अत्यन्त, असंख्य।

ब्राह्मण - द्विज, भूदेव, विप्र, महीदेव, भूमिसुर, भूमिदेव।



भय - भीति, डर, विभीषिका।

भाई - तात, अनुज, अग्रज, भ्राता, भ्रातृ।

भूषण- जेवर, गहना, आभूषण, अलंकार।

भौंरा - मधुप, मधुकर, द्विरेप, अलि, षट्पद,भृंग, भ्रमर।



मनुष्य- आदमी, नर, मानव, मानुष, मनुज।

मदिरा- शराब, हाला, आसव, मधु, मद।

मोर- केक, कलापी, नीलकंठ, नर्तकप्रिय।

मधु- शहद, रसा, शहद, कुसुमासव।

मृग- हिरण, सारंग, कृष्णसार।

मछली- मीन, मत्स्य, जलजीवन, शफरी, मकर।

माता- जननी, माँ, अंबा, जनयत्री, अम्मा।

मित्र- सखा, सहचर, साथी, दोस्त।



यम - सूर्यपुत्र, जीवितेश, श्राद्धदेव, कृतांत, अन्तक, धर्मराज, दण्डधर, कीनाश, यमराज।

यमुना - कालिन्दी, सूर्यसुता, रवितनया, तरणि-तनूजा, तरणिजा, अर्कजा, भानुजा।

युवति - युवती, सुन्दरी, श्यामा, किशोरी, तरुणी, नवयौवना।



रमा - इन्दिरा, हरिप्रिया, श्री, लक्ष्मी, कमला, पद्मा, पद्मासना, समुद्रजा, श्रीभार्गवी, क्षीरोदतनया।

रात- रात्रि, रैन, रजनी, निशा, यामिनी, तमी, निशि, यामा, विभावरी।

राजा- नृप, नृपति, भूपति, नरपति, नृप, भूप, भूपाल, नरेश, महीपति, अवनीपति।

रात्रि - निशा, क्षया, रैन, रात, यामिनी, शर्वरी, तमस्विनी, विभावरी।

रामचन्द्र - अवधेश, सीतापति, राघव, रघुपति, रघुवर, रघुनाथ, रघुराज, रघुवीर, रावणारि, जानकीवल्लभ, कमलेन्द्र, कौशल्यानन्दन।

रावण - दशानन, लंकेश, लंकापति, दशशीश, दशकंध, दैत्येन्द्र।

राधिका - राधा, ब्रजरानी, हरिप्रिया, वृषभानुजा।



लड़का - बालक, शिशु, सुत, किशोर, कुमार।

लड़की - बालिका, कुमारी, सुता, किशोरी, बाला, कन्या।

लक्ष्मी- कमला, पद्मा, रमा, हरिप्रिया, श्री, इंदिरा, पद्मजा, सिन्धुसुता, कमलासना।

लक्ष्मण - लखन, शेषावतार, सौमित्र, रामानुज, शेष।

लौह - अयस, लोहा, सार।लता - बल्लरी, बल्ली, बेली।



वायु - हवा, पवन, समीर, अनिल, वात, मारुत।

वसन - अम्बर, वस्त्र, परिधान, पट, चीर।

विधवा - अनाथा, पतिहीना, राँड़।

विष- ज़हर, हलाहल, गरल, कालकूट।

वृक्ष- पेड़, पादप, विटप, तरू, गाछ, दरख्त, शाखी, विटप, द्रुम।

विष्णु- नारायण, दामोदर, पीताम्बर, चक्रपाणी।

विश्व - जगत, जग, भव, संसार, लोक, दुनिया।

विद्युत - चपला, चंचला, दामिनी, सौदामिनी, तड़ित, बीजुरी, घनवल्ली, क्षणप्रभा, करका।

वारिश - वर्षण, वृष्टि, वर्षा, पावस, बरसात।

वीर्य - जीवन, सार, तेज, शुक्र, बीज।

वज्र - कुलिस, पवि, अशनि, दभोलि।

विशाल - विराट, दीर्घ, वृहत, बड़ा, महा, महान।

वृक्ष - गाछ, तरु, पेड़, द्रुम, पादप, विटप, शाखी।



शिव- भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन, महादेव, नीलकंठ, शंकर।

शरीर- देह, तनु, काया, कलेवर, अंग, गात।

शत्रु- रिपु, दुश्मन, अमित्र, वैरी, अरि, विपक्षी, अराति।

शिक्षक- गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।

शेर - केहरि, केशरी, वनराज, सिंह, शार्दूल, हरि, मृगराज।

शेषनाग - अहि, नाग, भुजंग, व्याल, उरग, पन्नग, फणीश, सारंग।

शुभ्र - गौर, श्वेत, अमल, वलक्ष, शुक्ल, अवदात।

शहद - पुष्परस, मधु, आसव, रस, मकरन्द।

श्र



षंड - हीजड़ा, नपुंसक, नामर्द।

षडानन - षटमुख, कार्तिकेय, षाण्मातुर।





सीता - वैदेही, जानकी, भूमिजा, जनकतनया, जनकनन्दिनी, रामप्रिया।

साँप- अहि, भुजंग, ब्याल, सर्प, नाग, विषधर, उरग, पवनासन।

सूर्य- रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, दिनेश, भास्कर, दिनकर, दिवाकर, भानु, अर्क, तरणि, पतंग, आदित्य, सविता, हंस, अंशुमाली, मार्तण्ड।

संसार- जग, विश्व, जगत, लोक, दुनिया।

सोना- स्वर्ण, कंचन, कनक, हेम, कुंदन।

सिंह- केसरी, शेर, महावीर, हरि, मृगपति, वनराज, शार्दूल, नाहर, सारंग, मृगराज।

समुद्र- सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि।

सम - सर्व, समस्त, सम्पूर्ण, पूर्ण, समग्र, अखिल, निखिल।

समीप - सन्निकट, आसन्न, निकट, पास।

समूह- दल, झुंड, समुदाय, टोली, जत्था, मण्डली, वृंद, गण, पुंज, संघ, समुच्चय।

सभा - अधिवेशन, संगीति, परिषद, बैठक, महासभा।

सुन्दर - कलित, ललाम, मंजुल, रुचिर, चारु, रम्य, मनोहर, सुहावना, चित्ताकर्षक, रमणीक, कमनीय, उत्कृष्ट, उत्तम, सुरम्य।

सन्ध्या - सायंकाल, शाम, साँझ, प्रदोषकाल, गोधूलि।

स्त्री- सुन्दरी, कान्ता, कलत्र, वनिता, नारी, महिला, अबला, ललना, औरत, कामिनी, रमणी।

सुगंधि- सौरभ, सुरभि, महक, खुशबू।

स्वर्ग- सुरलोक, देवलोक, दिव्यधाम, ब्रह्मधाम, द्यौ, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक।

स्वर्ण - सुवर्ण, कंचन, हेन, हारक, जातरूप, सोना, तामरस, हिरण्य।

सरस्वती - गिरा, शारदा, भारती, वीणापाणि, विमला, वागीश, वागेश्वरी।

सहेली - आली, सखी, सहचरी, सजनी, सैरन्ध्री।

संसार - लोक, जग, जहान, जगत, विश्व।



हस्त - हाथ, कर, पाणि, बाहु, भुजा।

हिमालय- हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, नगेश।

हिरण - सुरभी, कुरग, मृग, सारंग, हिरन।

होंठ - अक्षर, ओष्ठ, ओंठ।
हनुमान - पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, रामदूत, मारुततनय, अंजनीपुत्र, आंजनेय, कपीश्वर, केशरीनंदन, बजरंगबली, मारुति।
हिमांशु - हिमकर, निशाकर, क्षपानाथ, चन्द्रमा, चन्द्र, निशिपति।
हंस - कलकंठ, मराल, सिपपक्ष, मानसौक।
हृदय- छाती, वक्ष, वक्षस्थल, हिय, उर।
हाथ- हस्त, कर, पाणि।
हाथी- नाग, हस्ती, राज, कुंजर, कूम्भा, मतंग, वारण, गज, द्विप, करी, मदकल।

त्र

ज्ञ